Sunday 4 February 2018

ये किसने देखा !!



हमारे जनाज़े में कौन रोया,ये किसने देखा 

हमें ज़माने ने दर्द दिया ,ये किसने देखा। 

उन दर्द को दबा कर रखा था कहीं किसी कोने में ,

हमने उन्हें अक्षों में बहा दिया,ये किसने देखा।