Thursday 9 July 2015

दिल को समझा नही पाया...

क्यों इन बातों कि गहराई समझ नही पाया ,

क्यों इन हवाओँ का रुख बदल नही पाया। 

समझाया था बहुत ज़माने ने हमें ,

क्यों मैं दिल को समझा नही पाया। 

क्यों करते है लोग ऐसा...

कोई किसी को पल में अपना बना लेता है,

कोई किसी को पल में बेगाना कर देता  है। 

क्यों करते है लोग अपनों के साथ ऐसा ,

कोई किसी को इतना बेकस कर देता है। 

Monday 6 July 2015

हर पल पर मरता हूँ...

तारों  कि छाँव में तूझे देखता हूँ ,

बिन कहे सब समझता हूँ। 

तूझे यक़ीन नही मेरे प्यार पर आज भी ,

फिर भी हर पल तुझ पर मरता हूँ।






Saturday 21 March 2015

जज़्बात काबू में नही रहते हमारे... !!

हर तारे को टूट कर गिरने का डर होता है 

हर काँच को टूट कर बिखरने का डर होता है। 

क्यों जज़्बात काबू में नही रहते हमारे ,

हर दिल को टूट कर गम सहने का डर होता है 

Saturday 24 January 2015

दिल के करीब मत रखो... !!

किसी की दो मीठी बातों से उसे अपना न समझो ,

उसी अपने से उम्मीद का ख़्वाब मत रखो। 

टूट जाते है ख़्वाब जब उम्मीदें पूरी नही होती ,

किसी को अपने दिल के इतने करीब मत रखो।