शायरी मेरी कलम से !!
Amateur Shayar :)
Thursday 11 December 2014
तुम्हारे गुनेहगार कितने हैं...!!
आज आसमान में तारे कितने हैं ,
टूटते तारों के अरमान कितने है।
अनजाने में हो गई खता हमसे ,
तुम्ही बताओ तुम्हारे गुनेहगार कितने हैं।
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