Monday 25 August 2014

गले से लगाया तो यक़ीन आया......

तुमसे रूबरू हो पाएंगे ये यक़ीन न था ,

तुम्हारी तब्बसुम में खो जाएंगे ये यक़ीन न था। 

तुम्हे आज सामने खड़ा देख कर ,

खुद को संभाल पाएंगे ये यक़ीन न था। 

जब तुम्हारी आहट हुई तो यक़ीन आया ,

जब दिल में तुम्हारी दस्तक हुई तो यक़ीन आया। 

हम हमेशा एक दुसरे के साथ रहेंगे 

जब तुमने गले से लगाया तो यक़ीन आया।