क्यों दुनिया एक मायाजाल मैं फँसी हुई है ,
क्यों कुछ बटनों कि कटपुतली बनी हुई है।
बाहर निकल कर देखने कि जरुरत है अब हमें ,
खुले आसमां में उड़ने कि जरुरत है अब हमें।
हुई धुंधली ज़िन्दगी में रौशनी लाने कि जरुरत है अब हमें।
बस गुज़ारिश है तुमसे मेरे यारोँ ,
देर हो जाने से पहले जाग जाने कि जरुरत है अब हमें।
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