शायरी मेरी कलम से !!
Amateur Shayar :)
Saturday 10 May 2014
"माँ शब्द अपने आप में ही पूरा है "..... (Mother's Day)
तेरी दुओं के कारण ज़िंदा हूँ माँ ,
तेरे आँचल कि छाओं में आबाद हूँ माँ।
तेरे प्यार कि बारिश में भिगोते रहना ,
तेरी बढ़ती उम्र का सहारा हूँ माँ।
तुझे प्यार करता हूँ अपने से भी कई ज्यादा ,
तेरे हौसलों कि उम्मीद हूँ माँ।
Thursday 1 May 2014
जाग जाने कि जरुरत है अब हमें.......
क्यों दुनिया एक मायाजाल मैं फँसी हुई है ,
क्यों कुछ बटनों कि कटपुतली बनी हुई है।
बाहर निकल कर देखने कि जरुरत है अब हमें ,
खुले आसमां में उड़ने कि जरुरत है अब हमें।
हुई धुंधली ज़िन्दगी में रौशनी लाने कि जरुरत है अब हमें।
बस गुज़ारिश है तुमसे मेरे यारोँ ,
देर हो जाने से पहले जाग जाने कि जरुरत है अब हमें।
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