तुम्हारी आँखों की चमक रोने नहीं देती,
तुम्हारी पाजो की खनक सोने नहीं देती।
तुम ही बताओ अब कैसे समझाए इस दिल को,
जब तुम्हारी केशों कि उलझन सुलझने नहीं देती।
Amateur Shayar :)
तुम्हारी आँखों की चमक रोने नहीं देती,
हर शाम इस गली से गुज़र जाया करती थी
हर सुबह इस खिड़की पर ख्वाइशें भिछाया करती थी।
न जाने वो कौनसा लम्हा था जब,
हर रात दरवाज़े को जुगनुओं से रोशन कर जाया करती थी।